जे असली रुप परकट हैछै उ इजोत चियै। पबितर धरमसास्तरमे अनङ लिखलछै, “हे बिभोर निनमे परल लोकसब जाग आ आपन पापके कारनसे मरल नै रह, जिबित हो। तब खिरिस्टके इजोत तोरासबमे चमकतौ।”
हमर पिरिय धियापुतासब, यि अन्तिम घरी चियै। खिरिस्ट बिरोधी आबैबला छै से तुसब सुन्नेचिही। खिरिस्टके बहौत बिरोधीसब त आइबगेल छै। तहैसे अपनासब यि अन्तिम घरी चियै से बात जानैचियै।