10 एक-दोसरके आपने भाइ-भैया जखा परेम कर। अपनासे बेसी दोसरके आदर कर।
महज तोरासबके बिचमे एहेन नै हेबे। बल्की, तोरासबमेसे जे पैध हैके इक्छा करैछौ, उ तोरासबके सेबक बने।
तैल्याके तुसब बियाह भोज जेबिही त सबसे निचा जगहमे बैठ आ नौता दैबला लोक आइबके तोरा कहतौ, ‘ए साथी, उपरमे आइबके बैठ।’ ओइ बखत तोहर सङे खाइले बैठल लोकसबके अगा तोहर इजत हेतौ।
हम तोरासबके यि आग्या करैचियौ कि तुसब एक-दोसरके परेम कर।
हम परथना करैचियै कि उ सबकोइ एक हेबे। हे पिता, जहिनङे अहाँ हमरमे आ हम अहाँमे चियै, तहिनङे ओहोसब अपनासबसङे एक हेबे, ताकि अहाँ हमरा पठाइनेचियै कैहके सन्सारके लोकसब बिस्बास करे।
बिस्बास करैबलासब एकेमन आ एके परानके भेलरहै, ओइसबमेसे कोइ नै आपन धन-सम्पतीके आपन चियै कहैछेलै, महज सब चिजके सझिया मानैत रहै।
तोरासबके तिरैबला चिज सबके तिरदहै। कर तिरैबलाके कर, महसुल तिरैबलाके महसुल, आदर करैबलाके आदर, इज्जत करैबलाके इज्जत कर।
भाइ-भैयासब, तुसब स्वतन्तर हैले बोल्याल गेलचिही। यि स्वतन्तरताके आपन पाप स्वभाबके इक्छा पुरा करैले परयोग नै कर। बरु परेमसे एक दोसरके भलाइ कर।
महज पबितर आत्माके फलसब- परेम, आनन्द, सान्ती, धिरज, दया, भलाइ, बिस्वस्तता,
खिरिस्ट येसुमे नै त खतनाके नै त बेखतना कोनो मोल छै। महज एकेटा बातके मोल छै, उ यि चियै, अपनासब बिस्बासके कारन एक-दोसरके परेम करैचियै।
आपन मातरे भलाइ नै खोज आ अहङकारमे कुछ नै कर, महज नमर्तामे एक दोसरके आपनसे बरका ठान।
कथिलेत हमसब परभु येसु खिरिस्टमे तोरासबके बिस्बास आ ओकर सब पबितर लोकसबके करल तोहर परेमके बारेमे सुन्नेचियौ।
एक दोसरके परेम करे परैछै तैके बारेमे तोरासबके लेल लिखैके कोनो जरुरी नै छै, कथिलेकी परमेस्वर आपनेसे तोरासबके एक दोसरके परेम करे परैछै कैहके सिखाइने छौ।
भाइ-भैयासब, तोरासबके खातिर हरदम परमेस्वरके धन्यबाद देनाइ जरुरी छै। यि फेर योग्यकेभी चियै, कथिलेत तोरासबके बिस्बास परसस्त बरहैत ज्यारहलछौ आ तोरासबके परेम एक-दोसरमे बैढरहल छौ।
एक दोसरके भाइ-भैयासब जखा परेम करैतरह।
आब तुसब सतके माइनके आपन मन सुध कैरलेने चिही तहैलेल एक दोसर कोनो छलकपट नै कैरके भाइ-भैया आ दिदी-बहिन जखा परेम कर। हिरदयसे एक दोसरके परेम कर।
रजा आ सब लोकसबके आदर कर। खिरिस्टमे बिस्बास करैबलासबके परेम कर। परमेस्वरके डर मान।
तहिनङे जबानसब, बुढ लोकसबके अधिनमे रह। तुसब नम्र भ्याके एक दोसरके सेबा कर। कथिलेकी पबितर धरमसास्तरमे लिखल छै कि, “परमेस्वर घमन्डी लोकसबके बिरोध करैछै, महज नम्र लोकसबके अनुगरह करैछै।”
भक्तीमे भाइ-भैयाके इसनेह, भाइ-भैयारीके इसनेहमे परेम थप।
हमर पिरिय सङिसब, परमेस्वर अपनासबके अतहेक परेम करने छै त अपनोसबके एक-दोसरके परेम करेपरतै।
यदि कोइ परमेस्वरके परेम करैचियै कहैछै आ आपन भाइ-बहिनके घिरना करैछै त उ झुठ छै। आपनसे देखल भाइके परेम नै करैबला नै देखल परमेस्वरके कनङ परेम करे सक्तै?