12 पहिल्का बिपत समापत भेलै। दुइटा बिपत औरो आबैले बाकिछै।
दोसर बिपत बित्लै, “देख, तेसर बिपत जल्दिए एतौ।”
हम देखलियै, अकास उपरमे एकटा गरुर जोरसे अनङ कहैत सुनलियै, “पिरथिबीमे रहैबलासबके धिक्कार! धिक्कार! धिक्कार! कथिलेकी औरो बाकी रहल तिन स्वरगदुतसब तुरही फुक्तै त पिरथिबीमे परैबला बिपत केहेन हेतै?”