5 तकरबाद उ स्वरगदुत धुपदानी लेके ओइमे बेदीके आइग भरल्कै आ पिरथिबीमे फेकल्कै त मेघ गरजनके आबाज एलै, बिजली चमैक उठलै आ भुमकौन गेलै।
कथिलेत जातीके बिरोधमे जाती आ राजके बिरोधमे राज उठतै आ बहुतो ठामसबमे अकाल आ भुमकौन एतै।
येसु कहल्कै, “हम यि धरतीमे आइग लगाइले एलचियै आ उ आइग पहिनेसे लाइगगेल रहतियै त निक हेतियै!
तहै बखत अचानक बरका भुमकौन भेलै। भुमकौनके धक्कासे जहलके खुट्टा खम्हा सब हिलगेलै। सब केबारसब आपने खुइलगेलै आ बान्हल घुरीसब खुलगेलै।
जब उसब परथना समापत करल्कै तब ओइठाम जते उसब जमा भेलरहै ओते सबकोइ थरकलै आ उ सबकोइ पबितर आत्मासे भरलै आ उसब साहसके साथ परमेस्वरके बचन परचार करे लाग्लै।
तखुन्ते एकटा बरका भुमकौन गेलै आ सहरके दस भाग खैसपरलै। उ भुमकौनसे सात हजार लोक मरलै। बाकी बचलहासब डरसे स्वरगके परमेस्वरके महिमा करल्कै।
तखन स्वरगमे परमेस्वरके मन्दिर खुल्लै आ ओकर मन्दिर भितर ओकर करारके सन्दुक देखापरलै। तब अकासमे बिजली चमैक उठलै। डरलागैबला अबाज सुनाइ देल्कै आ मेघके गरजन सुनेलै, भुमकौन गेलै आ बरका बरका पथल परलै।
सिंहासनसे बिजुलीसब चम्कैछेलै आ मेघके गर-गर आबाज आबैछेलै। सिंहासनके अगा आइगके सातटा दियासब बरैत रहलै। उ परमेस्वरके सात आत्मासब चियै।
जब थुमा छठमा लाहटके तोरल्कै, तब हम बरका भुमकौन गेल देखलियै। सुरुज अन्हार रात जखा करिया भेलै आ चान लहु जखा पुरे लाल भेलै।
सोनाके धुपदानी बोक्ने दोसर एकटा स्वरगदुत आइबके बेदीके कातमे ठार भेलै। सिंहासनके अगा भेल सोनाके बेदीमे परमेस्वरके जनसबके परथनासङे चरहाबैके लेल ओकरा बहुत गमकैबला धुप देल्कै।