5 जब थुमा तेसर लाहटके तोरल्कै त हम तेसर जिबित परानीके “अते या” कहैत सुनलियै। हम एकटा करिया घोरा देखलियै। ओइ उपरमे सबार भेल लोकके हाथमे एकटा तराजु छेलै।
कथिलेत जातीके बिरोधमे जाती आ राजके बिरोधमे राज उठतै आ बहुतो ठामसबमे अकाल आ भुमकौन एतै।
तब धरमगुरुमेसे एक गोरा हमरा कहल्कै, “नै कान! देख, यहुदाके कुलसे एल एकटा सिंह, जे दाउदके सिंहासनके उतराधिकार छै, उ जितने छै आ सातटा मुठाके लाहट तोरके खोलैके योग्यके छै।”
उसब अनङ कहैत एकटा लया गित गाबल्कै, “यि कागतके मुठा लैले आ अकर लाहटके तोरेके योग्य अहाँ मातरे चियै, अहाँ मारल गेलियै आ आपन लहुसे अहाँ परमेस्वरके लेल सब कुल, भसा, जाती आ देसके लोकसबके छुटकरा देलियै।
तकरबाद थुमा उ सातटा लाहटसब मेसे पहिन्काके तोरैत हम देखलियै, तब चार जिबित परानीसब मेसे एकटा मेघ गरजन जखा आबाजमे अनङ कहैत हम सुनलियै “अते या!”