17 कथिलेत ओइसबके नियाय आ सजायके बरका दिन आइबगेल छै, के ओइ दिनके सहन करैले सक्तै?”
महज यि सब बातसबसे बचैले आ मानब पुतरके अगामे ठडा हेबे सके तै सक्तिके लेल परमेस्वरसङे सबघरी जागल रह आ परथना कर।”
महज तु जिद्द कैरके पस्चाताप करैले नै चाहलिही। ओहैसे तु परमेस्वरके नियाय हैबला दिनमे बरका दन्डके लेल करोध समैटके राखनेचिही, जै दिनमे परमेस्वर ठिकसे नियाय करतै।
तोरासबके याद करैबला बात यि चियौ कि, आपन अधिकारमे नै रहैबला आ आपन रहैयोबला ठाम छोरैबला स्वरगदुतसबके समेत परमेस्वर सबदिनके लेल बाइन्हके राखनेछै। उ नियायके बरका दिनमे सजाय दैकेलेल ओइसबके पतालके अन्हारमे बाइन्हके राखनेछै।
जाती जातीके लोकसब करोधसे भरलछै, महज आब अहाँके आपन करोध देखाबैबला समय एलछै, मरलहासबके नियाय करैबला समय एलछै आ अहाँके सेबकसब, अगमबक्तासब आ पबितर जनसब आ अहाँके डर मानैबला छोट-बरका सबके इनाम दैबला समय आ पिरथिबीके बिनास करैबलासबके नास करैके समय एलछै।”
उसब अचमके चेन्हा देखाइबला आत्मासब चियै। उसब पिरथिबीके जम्मे रजासब लग जाइछै आ सरबसक्तिमान परमेस्वरके महान दिनमे जुध करैले ओकरासबके जमा करैछै।