13 अकासके तारा सब पिरथिबीमे एनङ खस्लै, जनङ हबा बिहाइरसे नै पाकल अन्जिरके बतिया फलसब खसैछै।
“जब बरका महासङकटके दिनसब बित्तै सुरुज अन्हार हेतै आ चान आपन चमक दैले छोरतै, अकासके तरासब खस्तै आ अकासके सक्तीसब थर-थर काप्तै।
अकासके तरासब खस्तै आ अकासके सक्तीसब थर-थर काप्तै।
“चान, सुरुज आ तरासबमे चेन्हा देखा परतौ, समुन्दरके हुहुवाह आ बरका-बरका झोहसबके देखके सन्सारके लोकसबके डेराजेतै।
तकरबाद पाचम स्वरगदुत आपन तुरही फुकल्कै त हम एकटा तरा अकाससे पिरथिबीमे खसल देखलियै। ओइ तराके नरकके कुजी देलगेलै।