12 जब थुमा छठमा लाहटके तोरल्कै, तब हम बरका भुमकौन गेल देखलियै। सुरुज अन्हार रात जखा करिया भेलै आ चान लहु जखा पुरे लाल भेलै।
“धिक्कार तोरा खोराजिनके बासिसब! आ धिक्कार तोरा बेथसेदाके बासीसब! कथिलेत तोरासबके बिचमे करलाहा अजगुतके कामसब टुरोस आ सिदोन सहरमे करनेरहतीयै त ओतेका लोकसब आपन-आपन पाप माइनके बोराके बस्तर लग्याके छौरमे बैठके पस्चाताप करतियै।
“जब बरका महासङकटके दिनसब बित्तै सुरुज अन्हार हेतै आ चान आपन चमक दैले छोरतै, अकासके तरासब खस्तै आ अकासके सक्तीसब थर-थर काप्तै।
कथिलेत जातीके बिरोधमे जाती आ राजके बिरोधमे राज उठतै आ बहुतो ठामसबमे अकाल आ भुमकौन एतै।
दिनके बारह बजेसे तिन बजे तक पुरे देस अन्हारे रहलै।
रोमी कप्तान आ ओकरजरे येसुके ओगरैबला सिपाहीसब भुमकौन आ यि घटनासब देखके बहौत डेरेलै आ कैह उठलै कि, “साँचोके यि त परमेस्वरके बेटा रहै।”
अचानक भुम्कौन भेलै कथिलेकी परमपरभुके एकटा स्वरगदुत स्वरगसे निचा उतरलै आ चिहानके मुहमे राखल पथल गुरकाके हटाइल्कै आ ओहिउपरमे बैठलै।
तहै बखत ठिक दिनके बारह बजेसे तिन बजेतक देस भर अन्हार रहलै।
तखुन्ते एकटा बरका भुमकौन गेलै आ सहरके दस भाग खैसपरलै। उ भुमकौनसे सात हजार लोक मरलै। बाकी बचलहासब डरसे स्वरगके परमेस्वरके महिमा करल्कै।
ओते बिजली चमकलै आ मेघ गरजलै आ बरका भुमकौन एलै। लोकके सिरिस्टिसे आइतक ओहेन बरका भुमकौन कहियो नै एलछेलै।
तब चारम स्वरगदुत आपन बाटी ल्याके सुरुज उपर झाइक देल्कै आ लोकसबके रौदसे डहाबैके सक्ती सुरुजके देल्कै।
तकरबाद चरमा स्वरगदुत आपन तुरही फुकल्कै त, सुरुज, चान आ तरासबके एक तिहाइ भागमे परहार भेलै। ओइसबके एक तिहाइ भाग अन्हारमे बदैलगेलै। अनङ दिन आ रातके एक तिहाइ भाग अन्हार भेलै।
तकरबाद उ स्वरगदुत धुपदानी लेके ओइमे बेदीके आइग भरल्कै आ पिरथिबीमे फेकल्कै त मेघ गरजनके आबाज एलै, बिजली चमैक उठलै आ भुमकौन गेलै।