उसब अनङ कैहके परमेस्वरके दास मोसाके भजन आ थुमाके भजन गाबैछेलै, “हे सरबसक्तिमान परभु परमेस्वर! अहाँके काम कतेक महान आ अदभुत छै, हे जाती जातीके रजा! अहाँके बाट धारमिक आ सत छै।
तब स्वरगमे, पिरथिबीमे, पिरथिबी निचा पतालमे, समुन्दर आ ओते भेल सब परानीके अनङ कहैत हम सुनलियै, “सिंहासनमे बिराजमान हैबलाके आ थुमाके इस्तुती, आदर, महिमा आ बल सदा-सरबदा हेबे।”