11 तब हम देखलियै त बहुतो स्वरगदुतसब गित गाबैत रहै, जेसब सिंहासन, चारु जिबित परानी आ धरमगुरुके चारुदिसन ठारभेल छेलै, जकर गन्ती लाखो-लाख आ करोरोमे छेलै।
महज तुसब त सियोन पहार अरथात जिबित परमेस्वरके सहर स्वरगिय यरुसलेममे एलचिही। जते अनगिन्ती स्वरगदुतसब आनन्द मनाबैछै।
आदमसे सातम पुस्ताके हनोक यि लोकसबके बारेमे एहेन अगमबानी कहनेरहै, “देख, हजारो-हजार पबितर स्वरगदुतसब सङे परभु आबैछै।
तकरबाद हम लोकसबके बरका भिरके अबाज या पानीके अबाज आ मेध गरजनके अबाज जखा एहेन कहैत सुनलियै, “हालेलुयाह! कथिलेत परमपरभु अपनासबके सरबसक्तिमान परमेस्वर राज करैछै।
उ सिंहासनके चारुओर चौबिसटा सिंहासनसब छेलै आ मुरमे सोनाके मुकुट आ उजर बस्तर पहिरने चौबिस गोरा धरमगुरुसब उ सिंहासनमे बैठल छेलै।
सिंहासनके अगा समुन्दर जखा देखाइबला चिज छेलै। उ चिज सिसा जखा सफा देखाइछेलै। आँखे आँख भेल चारटा जिबित परानी सिंहासनके अगा आ पछा कैरके चारुकातसे घेरनेछेलै।
तब उ चारु जिबित परानी कहल्कै, “आमेन” आ उ धरमगुरुसब निहैकके गोरलगी करल्कै।
तकरबाद हम चारटा जिबित परानी आ धरमगुरुसबसे घेरल सिंहासनके बिचमे एकटा थुमा ठारभेल देखलियै। उ थुमा मारल जखा देखाइछेलै। ओकरा सातटा सिङ आ सातटा आँख छेलै। सातटा आँख पुरे पिरथिबीमे पठाल परमेस्वरके सात आत्मा चियै।
तकरबाद उ चारटा जिबित परानीसब आ चौबिसटा धरमगुरुसब अगा आइबके निहुक गेलै। सबके हाथमे एक-एकटा बजाबैबला बिना आ धुप गमकसे भरल सोनाके बाटी छेलै, उ धुपके गमक त परमेस्वरके लोकसबके चरहाल बिन्ती परथना चियै।
सिंहासन, धरमगुरु आ चार जिबित परानीके चारुकात स्वरगदुतसब ठारभेल छेलै। उसब सिंहासनके अगा निहुकके अनङ कैहके परमेस्वरके आराधना करल्कै:
ओते बिस करोर घोरसबारसबके फौज छै कैहके हम सुनलियै।