जे सैतानके जित्तै, उ अनङ उजर बस्तर लगाइतै आ ओकर नाम हम जिबनके किताबसे कहियो नै मिटकाइबै। उ हमर लोक चियै कैहके आपन पिता आ ओकर स्वरगदुतसबके अगा हम सुइकार करबै।’
तकरबाद हम ताकलियै त कोइ नै गनैले सकैबला लोकसबके एकटा बरका भिर देखलियै। उसब हरेक जाती, हरेक कुल, हरेक देस आ हरेक भसाके लोक छेलै। उसब उजर बस्तर पिन्हके हाथमे खजुरके ठाइर लेके सिंहासन आ थुमाके अगा ठारभेल हम देखलियै।