10 पिरथिबीके सब जातीसबके जाँचैले अइ सन्सारमे आबैबला दुख कस्टसे हम तोरा बचाइबौ, कथिलेकी तुसब बहुत बात सैहके हमर आग्यापालन करनेचिही।
परमेस्वरके राजके यि सुसमाचार परचार सन्सार भैर करलजेतै, ताकि सब जातीके लोकसब सुनैके मौका पाबे, तकरबादे यि सन्सारके अन्त हेतै।
जागल रह आ जाँचमे नै परे खातिर तुसब परथना करैतरह। आत्मा त साँचोके तैयार छै महज देह दुरबल छै।”
हमरासबके पापमे फसाइबला बातसबसे दुर राखु आ दुस्टसे बचाबु। [कथिलेत राज, पराकरम आ महिमा जुगो-जुग तक अहैके चियै, आमेन।’]
हम तोरासबके साँचोके कहैचियौ, दुनिया भैरमे जते-जते हमर सुसमाचार परचार करलजेतै, तते-तते यि जनी जे करने छै तकर करल कामके चरचा करलजेतै।”
ओइ बखत रोमी महराज अगस्टस हुकुम करैत कहल्कै राज भैरके सबलोकके नाम लिखाके दरता करैले परतौ।
“जे लोकसब अहाँ हमरा सन्सारसे देलियै हम ओइ लोकसबके अहाँके बारेमे सब चिज कैह देलियै। उसब अहाँके छेलै आ उसबके अहाँ हमरा देलियै आ उसब अहाँके बचन पालन करने छै।
सबसे पहिने, तोरासबके लेल येसु खिरिस्ट दुवारा हम आपन परमेस्वरके धन्यबाद चरहाइचियै, कथिलेकी खिरिस्टमे करल तोरासबके बिस्बासके बारेमे सारा दुनियामे फैललछै।
तोरासबके जिबनमे आबैबला सब परिक्छासब लोकसबके बिचमे आबैबला जखा हैछै। परमेस्वर बिस्बासयोग्य छै, जे तोरासबके सहे नै सकैबला परिक्छामे नै पारतौ। जब तु लोभमे परबिही परमेस्वर तोरा उ परिक्छासे बचैयोके लेल सहायता करतौ। तब तु सहैले सकबिही।
अहै खातिर आब परमेस्वरके सब हाथ-हथियारसब धारन कर। तब तोरौरके खराब दिनमे सैतानके सक्तिसबके रोकैले सकबिही आ अन्त तलिक लराइ कैरके ठारभेल रहेसकबिही।
यदी हमसब ओकरसङे दुख भोग्बै त, हमरौरके ओकरेसङे राज करबै। हमसब ओकरा इन्कार करबै त, ओहो हमरौरके इन्कार करतै।
हे हमर भाइ-भैयासब, अन्जिरके गाछमे जैतुन या अङगुरके लतिमे अन्जिर फरैछै? तहिनङ नोनगर पानीके भभरीसे मिठ पानी नै बहैछै।
हे पिरिय भाइसब, तोरासबके जाचैके लेल अगनी परिक्छा एल बखत, यि नै हैबला काम चियै कैहके तुसब अचम नै मान।
ओहिनङ परभु धरमी लोकसबके संकटसे बचाबैले आ अधरमी लोकसबके दन्ड दैले नियायके दिन तलिक राखैले जानैछै।
हम युहन्ना, खिरिस्टमे तोरासबके भैया चियौ। येसुमे बिस्बास करलाके कारन हम तोरासबसङे धिरज होके सहने चियै, जे दुख ओकर राजमे हैबलासबमे सेहो आबैछै। परमेस्वरके बचन आ येसु खिरिस्टके करल सतके बारेमे परचार करलाके कारन हमरा पत्मोस टपुमे कैद कैरके राखने छेलै।
यि दुनु साक्छी दैबलाके मिरतु भेलाके कारन पिरथिबीके लोकसब खुसियाली मनाइतै। एक दोसरके उपहार पठाके आनन्द मनाइतै, कथिलेकी यि दुनु अगमबक्तासब पिरथिबीमे रहैबला लोकसबके बहुत दुख देने छेलै।
यदि कोनो लोक कैदके लेल छै त ओकरा कैद कैरके ल्याजेतै आ कोनो लोकके तरबारसे मारैके छै त उ साँचोके तरबारेसे मारल जेतै। तैल्याके परमेस्वरके लोकसबमे सहैके सक्ती आ बिस्बास हेबेपरतै।
पहिन्का जानबरके लेल देखाइबला अजगुतके चेन्हासब दुवारा उ सन्सारके सब लोकसबके बहकेल्कै। तरबारके बहौत गैहर चोटसे निक भेल ओइ जानबरके सम्मानमे एकटा मुरती बनाबैके आदेस दोसर जानबर सन्सारके लोकसबके देल्कै।
मारलगेल थुमाके जिबनके किताबमे सन्सारके सिरिस्टी हैसे पहिने नाम लिखल लोकसब बाहेक पिरथिबीमे रहैबला सबकोइ ओइ जानबरके पुजा करतै।
अकर मतलब परमेस्वरके आग्यापालन करैबला आ येसुमे बिस्बास करैबला परमेस्वरके जनसब धिरज करेपरतै।
तब हम बिच अकासमे उरैत दोसर स्वरगदुतके देखलियै। पिरथिबीमे रहैबला हरेक जाती, कुल, भसा आ देसके लोकसबके सुनाबैले ओकरसङे अनन्त सुसमाचार छेलै।
उसब अचमके चेन्हा देखाइबला आत्मासब चियै। उसब पिरथिबीके जम्मे रजासब लग जाइछै आ सरबसक्तिमान परमेस्वरके महान दिनमे जुध करैले ओकरासबके जमा करैछै।
ओकरसङे सन्सारके रजासब बेबिचार करने छेलै आ सन्सारके लोकसब ओकर बेबिचारके नसासे मातल छेलै।”
तु जे जानबर देखलिही उ एक समयमे जिबित छेलै महज अखुन मरल छै। उ गैहर खाइदसे बाहर निकैलके एतै आ नासमे जेतै। सन्सारके सिरिस्टी हैसे पहिने जकर नाम जिबनके किताबमे लिखल नै छै, उसब उ जानबरके देखके छक परतै, कथिलेत एक समयमे उ जिबित छेलै अखुन मरल छै। महज उ पाछे फेरसे जिबित हेतै।
तोरा जे कस्ट परेबलाछौ ओइसे नै डरा। तोहर बिस्बास जाँचके लेल सैतान तोरासबमेसे कतेक लोकके जहलमे ढोकतौ। अहिनङ कैरके तोरासबके दस दिनतक कस्ट सहैले परतौ। तु मिरतु तक हमरमे बिस्बास करैले नै छोर। तब हम तोरा जिबनके मुकुट देबौ।’
तोहर काम हमरा थाहछै। देख, हम तोहर अगा केबार खोलल छोरदेने चियौ, जकरा कोइ नै बन्द करैले सकैछै। तोरासङे कनहिक सक्तीछै कैहके हमरा थाहछै, तैयो तु हमर बचन पालन करनेचिही आ हमर नाउके इन्कार नै करनेचिही।
तब उसब अनङ कहैत जोरसे चिच्याके कहल्कै, “हे सरबसक्तिमान, पबितर आ सत परभु, पिरथिबीमे हमरासबके मारैबलाके अहाँ कहियातक इन्साफ नै करबै आ हमरासबके लहुके बदला नै लेबै?”
हम देखलियै, अकास उपरमे एकटा गरुर जोरसे अनङ कहैत सुनलियै, “पिरथिबीमे रहैबलासबके धिक्कार! धिक्कार! धिक्कार! कथिलेकी औरो बाकी रहल तिन स्वरगदुतसब तुरही फुक्तै त पिरथिबीमे परैबला बिपत केहेन हेतै?”