अहैसे परमेस्वर पिता आपन देहना हाथ कात बैठेल्कै आ आपन परतिग्या अनुसार ओकरा पबितर आत्मा देल्कै। ओह्या पबितर आत्मा हमरासबके देने छै, जे अहाँसब देखैचियै आ सुनैचियै।
तब स्वरगमे, पिरथिबीमे, पिरथिबी निचा पतालमे, समुन्दर आ ओते भेल सब परानीके अनङ कहैत हम सुनलियै, “सिंहासनमे बिराजमान हैबलाके आ थुमाके इस्तुती, आदर, महिमा आ बल सदा-सरबदा हेबे।”