4 परमेस्वर ओकरासबके आँखके पुरे लोर पोइछदेतै। ओते मिरतु, सोक, बिलाप आ दुख नै हेतै। कथिलेत पुरन्का सब बात बित गेलछै।”
स्वरग आ पिरथिबी बित जेतै, महज हमर बचन रहबे करतै।
तैमे सबसे पछा नास हैबला दुस्मन त मिरतु चियै।
जेसब सन्सारके चिज-बिज उपभोग करैछै उसब तैके कोनो वस्ते नै करल जखा करे, कथिलेत अइ सन्सारके चिजसब नास भ्यारहल छै।
अहैलेल यदि कोइ खिरिस्टमे छै त उ लोक लया सिरिस्टी चियै। पुरना जिबन बितके चैलगेलै, देख, आब लया जिबन सुरु भेलछै।
ओकरासबसे निकैलके या आ ओइसबसे अलग रह! कोनो असुध चिज नै छु, तब हम तोरासबके सुइकार करबौ कैहके परमपरभु कहैछै।
“औरो एकबेर” कहल बात यि देखाबैछै कि हिलाबैले सकैबला अरथात सिरिस्टी करल चिजसब हटाइतै, महज हिलाबैले नै सकैबला चिजसब अस्थिर रहतै।
महज परभुके नियाय करैबला दिन चोर एल जखा अनचेकेमे एतै। ओइ दिन सब अकास-मन्डल बरका अबाज कैरके बिलाजेतै, सुरुज, चान आ तरासब जैरके भस्म हेतै। पिरथिबी आ ओइमे भेल सब चिज नास हेतै।
सन्सार आ सन्सारके कुइक्छासब ओर्या जाइछै, महज परमेस्वरके इक्छामे चलैबला लोक सबदिन जिबित रहतै।
जे सब समुन्दरमे मरल छेलै ओइसबके समुन्दर ओकरा देल्कै। मिरतु आ पताल सेहो ओइमे भेल मरलसबके देल्कै। तब ओकरासबके करल काम अनुसार सबके नियाइ भेलै।
मिरतु आ पताल आइगके भठिमे फेकलगेलै। यि दोसर मिरतु चियै।
तकरबाद हम लया अकास आ लया पिरथिबी देखलियै, कथिलेत पहिन्का अकास आ पिरथिबी बितगेलै आ ओते कोनो समुन्दरो नै छेलै।
आबसे उ सहरमे परमेस्वरके सरापके कोनोभी बात नै रहतै। परमेस्वर आ थुमाके सिंहासन ओते रहतै आ ओकर सेबकसब ओकरा सेबा करतै।
कथिलेत सिंहासनके बिचमे रहैबला थुमा ओकरासबके चरबाहा हेतै, ओकरासबके डोरियाइत जिबनके पानीके मुलमे लजेतै आ परमेस्वर ओकरासबके आँखके सब लोर पोइछदेतै।”