8 तब पिरथिबीके चारुदिसनसे लोकसबके बहकाइले या गोग आ मागोगके लराइके लेल जम्मा करैले निकल्तै। उसबके सङख्या समुन्दरके बालु सरह हेतै।
अहिनङ बुढ भ्याके मरैले लागल एकटा लोकसे अकासके तरा जतहेक आ गनैले नै सकैबला समुन्दरके कातमे रहल बालु सरह बहुत सन्तान भेलै।
अहिनङे उ अजेगर, जे पहिन्का साँप चियै, जकर नाम दुस्ट आत्मा आ सैतान सेहो चियै, जे पुरे सन्सारके भरमाके राखने छेलै, ओकरा आ ओकर दुतसबके सङे स्वरगसे पिरथिबीमे फेक्नेछेलै।
उसब अचमके चेन्हा देखाइबला आत्मासब चियै। उसब पिरथिबीके जम्मे रजासब लग जाइछै आ सरबसक्तिमान परमेस्वरके महान दिनमे जुध करैले ओकरासबके जमा करैछै।
तब जाती-जातीके लोकसबके बहकाबैबला दुस्टके रजा सैतानके आइग आ गन्धकके खाइदमे फेकदेल्कै, जते जानबर आ झुठा अगमबक्तासबके फेकने छेलै। ओते उसब दिन-रात सबदिन दुख-कस्ट भोगैतरहतै।
आबसे जाती-जातीके लोकसबके नै ठगे कैहके स्वरगदुत ओकरा नरकमे फेकदेल्कै आ बन कैरके मोहर लग्यादेल्कै। एक हजार बरिस बितलाकेबाद कुछ देरके लेल खोइलदेतै।
तकरबाद पिरथिबीमे, समुन्दरमे आ कोनो गाछ-बिरिछमे हबा नै लागे कैहके चारटा स्वरगदुतसब पिरथिबीके चारु कातके हबाके रोइकके पिरथिबीके चारु कोनमे ठारभेल हम देखलियै।