हम बरका आ छोटका सब मरलसबके सिंहासनके सामने ठारभेल देखलियै आ किताबसब खोलल्कै। दोसर किताब खोलल्कै, जे जिबनके किताब छेलै। उ किताबमे लिखल अनुसार, ओकरासबके काम अनुसार मरलसबके नियाइ भेलै।
जे सैतानके जित्तै, उ अनङ उजर बस्तर लगाइतै आ ओकर नाम हम जिबनके किताबसे कहियो नै मिटकाइबै। उ हमर लोक चियै कैहके आपन पिता आ ओकर स्वरगदुतसबके अगा हम सुइकार करबै।’