14 मिरतु आ पताल आइगके भठिमे फेकलगेलै। यि दोसर मिरतु चियै।
तैमे सबसे पछा नास हैबला दुस्मन त मिरतु चियै।
कथिलेत अपनासबके नास हैबला देह नास नै हैबला देहके रुपमे परिबरतन हेतै आ मरनसिल देह अमर रहैबला देहके रुपमे परिबरतन हैलेपरतै।
जिबित हैबला हम्ही चियै। हम मरल छेलियै महज आब सबदिनके लेल जिबित चियै, मिरतु आ पतालके कुजीसब हमर हाथमेछै।
तकरा परमेस्वरके करोधके बाटीमे बिना मिलाबटके तयार करल परमेस्वरके करोधके करा दाखमध पियैले परतै। उसब पबितर स्वरगदुतसब आ थुमाके अगा आइग आ गन्धकमे कस्ट भोग्तै।
महज उ जानबर आ ओकर अगा अचमके चेन्हा देखाइबला झुठा अगमबक्ता दुनु पकराउमे परलै। एहैन अचमके कामसे झुठा अगमबक्ता ओइ जानबरके छाप लगाइबला आ मुरती पुजा करैबलासबके बहकाइने छेलै। दुनुके जिबिते आइगके धिधरामे फेक देल्कै।
‘जकरा कान छै, उ पबितर आत्मा मन्डलीसबके कथी कहैछै से बात सुने। जे जित्तै, ओकरा दोसर मिरतु किछो हानी नै करतै।’”
तब जाती-जातीके लोकसबके बहकाबैबला दुस्टके रजा सैतानके आइग आ गन्धकके खाइदमे फेकदेल्कै, जते जानबर आ झुठा अगमबक्तासबके फेकने छेलै। ओते उसब दिन-रात सबदिन दुख-कस्ट भोगैतरहतै।
जे सब समुन्दरमे मरल छेलै ओइसबके समुन्दर ओकरा देल्कै। मिरतु आ पताल सेहो ओइमे भेल मरलसबके देल्कै। तब ओकरासबके करल काम अनुसार सबके नियाइ भेलै।
जकर-जकर नाम जिबनके किताबमे लिखल नै भेटलै, ओकरासबके आइगके भठिमे फेकदेल्कै।
उसब धैनके आ पबितर चियै, जेसब पहिन्का पुनरुथानमे जिबित भ्याके उठलै। ओइसबके दोसर मिरतुके सक्ती किछो करैले नै सक्तै महज उसब परमेस्वर आ खिरिस्टके पुजारी भ्याके खिरिस्टसङे एक हजार बरिसतक राज करतै।
परमेस्वर ओकरासबके आँखके पुरे लोर पोइछदेतै। ओते मिरतु, सोक, बिलाप आ दुख नै हेतै। कथिलेत पुरन्का सब बात बित गेलछै।”
महज डरपोकसब, बिस्बास नै करैबलासब, घिनलागैबला काम करैबलासब, हतियारासब, बेबिचारीसब, जादु-टोना करैबलासब, मुरती पुजा करैबलासब आ झुठ बोलैबलासबके ठाम त आइग आ गन्धक बरैबला भठिमे हेतै। यि दोसर मिरतु चियै।”
हम पियर रङके घोरा देखलियै जैमे सबार हैबलाके नाम “मिरतु” छेलै आ पताल ओकर पछा-पछा छेलै। ओकरा तलबार, अकाल, महामारी आ पिरथिबीके जङलिया जानबरके दुवारा पिरथिबी एक चौथाइके नास करैके अधिकार परमेस्वर देल्कै।