12 हम बरका आ छोटका सब मरलसबके सिंहासनके सामने ठारभेल देखलियै आ किताबसब खोलल्कै। दोसर किताब खोलल्कै, जे जिबनके किताब छेलै। उ किताबमे लिखल अनुसार, ओकरासबके काम अनुसार मरलसबके नियाइ भेलै।
जाती जातीके लोकसब करोधसे भरलछै, महज आब अहाँके आपन करोध देखाबैबला समय एलछै, मरलहासबके नियाय करैबला समय एलछै आ अहाँके सेबकसब, अगमबक्तासब आ पबितर जनसब आ अहाँके डर मानैबला छोट-बरका सबके इनाम दैबला समय आ पिरथिबीके बिनास करैबलासबके नास करैके समय एलछै।”
ओकर पछा लागैबला बेटा-बेटीसबके हम खतम करबै। तब सब मन्डलीसब थाह पाबतै कि हम वहे चियै जे सबके मन आ हिरदयके जाँच करैचियै। हम तोरासबके काम अनुसारके इनाम देबौ।
जे सैतानके जित्तै, उ अनङ उजर बस्तर लगाइतै आ ओकर नाम हम जिबनके किताबसे कहियो नै मिटकाइबै। उ हमर लोक चियै कैहके आपन पिता आ ओकर स्वरगदुतसबके अगा हम सुइकार करबै।’