6 तकरबाद हम लोकसबके बरका भिरके अबाज या पानीके अबाज आ मेध गरजनके अबाज जखा एहेन कहैत सुनलियै, “हालेलुयाह! कथिलेत परमपरभु अपनासबके सरबसक्तिमान परमेस्वर राज करैछै।
हमरासबके पापमे फसाइबला बातसबसे दुर राखु आ दुस्टसे बचाबु। [कथिलेत राज, पराकरम आ महिमा जुगो-जुग तक अहैके चियै, आमेन।’]
ओकर टाङ आइगके भठ्ठीमे खारके चमकाइने काँसके जखा छेलै आ ओकर अबाज बाइढके पानीके आबाजके गरजन जखा छेलै।
सरबसक्तिमान परभु परमेस्वर कहैछै, “सुरु आ अन्त हम्ही चियै।” हम उहे चियै, जे छै, जे छेलै आ जे एतै।
तब हम स्वरगमे एहेन कहैत एकटा बरका अबाज सुनलियै, “आबसे अपनासबके परमेस्वर उधार करल्कै आ उ आपन राजकिय सक्ती देखेल्कै। आब ओकर खिरिस्ट अधिकार देखाइने छौ। आब अपनासबके भाइ-भैयासब दिन-रात परमेस्वरके अगा दोख लगाइबला सैतान स्वरगसे निकाइलके फेक देल्कै।
हम स्वरगसे बरका पानीके अबाज आ मेघके बरका गरजैके अबाज जखा सुनलियै। उ बिना बज्यारहल बहुत बिना एकसाथ बजाइबलासबके अबाज जखा छेलै।
तकरबाद हम स्वरगमे लोकसबके बरका भिरके आबाज जखा एहैन कहैत सुनलियै, “हालेलुयाह! मुक्ती, महिमा आ सक्ती अपनासबके परमेस्वरके चियै!
तब उ चौबिस धरमगुरु आ चार जिबित परानीसब ठेङहुनिया द्याके सिंहासनमे बैठल परमेस्वरके आराधना करल्कै आ एहैन कैहके जयजयकार करल्कै, “आमेन, हालेलुयाह।”
हम सहरके भितरमे कोनो मन्दिर नै देखलियै। कथिलेत सरबसक्तिमान परभु परमेस्वर आ थुमे ओइ सहरके मन्दिर छेलै।
सिंहासनसे बिजुलीसब चम्कैछेलै आ मेघके गर-गर आबाज आबैछेलै। सिंहासनके अगा आइगके सातटा दियासब बरैत रहलै। उ परमेस्वरके सात आत्मासब चियै।
तकरबाद थुमा उ सातटा लाहटसब मेसे पहिन्काके तोरैत हम देखलियै, तब चार जिबित परानीसब मेसे एकटा मेघ गरजन जखा आबाजमे अनङ कहैत हम सुनलियै “अते या!”
तकरबाद उ स्वरगदुत धुपदानी लेके ओइमे बेदीके आइग भरल्कै आ पिरथिबीमे फेकल्कै त मेघ गरजनके आबाज एलै, बिजली चमैक उठलै आ भुमकौन गेलै।