17 तब हम एकटा स्वरगदुतके सुरुजमे ठारभेल देखलियै। उ अकासके बिचमे उरैबला सब चिरै-चुरगुनसबके बरका जोरसे एहैन कहल्कै, “या, परमेस्वरके बरका भोजमे एकसाथ जम्मा हो।
तब हम बिच अकासमे उरैत दोसर स्वरगदुतके देखलियै। पिरथिबीमे रहैबला हरेक जाती, कुल, भसा आ देसके लोकसबके सुनाबैले ओकरसङे अनन्त सुसमाचार छेलै।
बाकी लोकसब घोरामे सबार हैबलाके मुहसे निकलल तलबारसे मारलगेलै आ अकासके चिरै-चुरगुनसब ओइसबके मासु अग्हा-अग्हाके खेल्कै।
हम देखलियै, अकास उपरमे एकटा गरुर जोरसे अनङ कहैत सुनलियै, “पिरथिबीमे रहैबलासबके धिक्कार! धिक्कार! धिक्कार! कथिलेकी औरो बाकी रहल तिन स्वरगदुतसब तुरही फुक्तै त पिरथिबीमे परैबला बिपत केहेन हेतै?”