7 उ जतहेक मान-सम्मान आ भोग-बिलास करने छै, ओतबेहेक ओकरा दुख आ सोक दहै। कथिलेत उ मनमने कहैछै, ‘हम त महरानी चियै, हम बिधुवा नै चियै, हमरा कहियो सोक करैले नै परतै।’
महज जबान उमरके मसोमातनीसबके नाम मसोमात सुचिमे नै लिख, कथिलेकी जब ओइसबके सारिरीक इक्छाके कारनसे खिरिस्टसे दुर ल्याजेतै, तै दुवारे उसब बियाह करैले ताक्तै।
कथिलेत सब जातीसबके लोकसब ओकर बेबिचारके मध पिके मातल छै आ सन्सारके रजासब ओकरसे बेबिचार करने छेलै आ सन्सारके बेपारियोसब ओकर बरका मोज-मज्जाके कारन धनिक भेल छेलै।”
ओकरसे बेबिचार करैबला आ सुख-बिलास करैबला सन्सारके रजासब जब उ जरैत सहरके धुवाँ देखतै तब ओकरलेल कान्तै आ सोक करतै।