3 कथिलेत सब जातीसबके लोकसब ओकर बेबिचारके मध पिके मातल छै आ सन्सारके रजासब ओकरसे बेबिचार करने छेलै आ सन्सारके बेपारियोसब ओकर बरका मोज-मज्जाके कारन धनिक भेल छेलै।”
तुसब कथी देखे गेल्छेली? कि सफा उजर जमा पिन्हल लोकसबके देखैले? नै, सफा उजर जमा आ ऐसमोजके जिन्गी बिताइबलासब त राज दरबारमे रहैछै।
महज जबान उमरके मसोमातनीसबके नाम मसोमात सुचिमे नै लिख, कथिलेकी जब ओइसबके सारिरीक इक्छाके कारनसे खिरिस्टसे दुर ल्याजेतै, तै दुवारे उसब बियाह करैले ताक्तै।
तकरबाद दोसर स्वरगदुत आइबके अनङ कहल्कै, “ओकर सब नास भेलै! महान सहर बेबिलोन नास भेलै। कथिलेत उ सहर आपन बेबिचारके मधसे जाती जातीके लोकसबके पियैले लगेल्कै।”
ओकरसङे सन्सारके रजासब बेबिचार करने छेलै आ सन्सारके लोकसब ओकर बेबिचारके नसासे मातल छेलै।”
तब उसब आपन-आपन मुरीमे गरदा राख्तै आ कानैत कहतै, “धिक्कार, धिक्कार, उ महानगरीके धन-सम्पतीसे पानी जहादके मालिकसब धनिक भेल छेलै। एके छनमे उ सहर नास भेलै।”
आबसे तोहरमे चिरखाके इजोत कहियो नै चमकतौ आ तोहरमे बर-कनियाके सोर कहियो सुनैले नै पाबतै। कथिलेत तोहर बेपारीसब सन्सारके धनिक-धनिक लोकसब छेलै आ तोहर जादु-टोनासे सब जातिके लोकसब ठगलगेल छेलै!”
उ जतहेक मान-सम्मान आ भोग-बिलास करने छै, ओतबेहेक ओकरा दुख आ सोक दहै। कथिलेत उ मनमने कहैछै, ‘हम त महरानी चियै, हम बिधुवा नै चियै, हमरा कहियो सोक करैले नै परतै।’
ओकरसे बेबिचार करैबला आ सुख-बिलास करैबला सन्सारके रजासब जब उ जरैत सहरके धुवाँ देखतै तब ओकरलेल कान्तै आ सोक करतै।