2 उ जोरसे एहेन कहल्कै, “महानगरी बेबिलोनके बिनास भेलै! उ महानगरी भुतसबके रहैबला घर, सब परकारके दुस्ट आत्मा, सब असुध आ घिरनित चिरै-चुरगुनसबके अखरा भेलछै।
ओकर टाङ आइगके भठ्ठीमे खारके चमकाइने काँसके जखा छेलै आ ओकर अबाज बाइढके पानीके आबाजके गरजन जखा छेलै।
उ जोरसे सिंहके गरजन जखा बरका अबाजमे चिचएलै आ चिचयाइते मातर सात चोटी मेघ गरजलै।
ओकरासबके लहास बरका सहरके रस्तामे परल रहतै, जते ओकरासबके परभुके सेहो कुरूसमे टाइङके मारने रहै, जै सहरके उदाहरनके रुपमे “सदोम” आ “मिसरदेस” के कहैछै।
एकटा दोसर स्वरगदुत मन्दिरसे बाहर एलै आ बादल उपरमे बैठैबलाके बरका जोरसे कहल्कै, “अहाँके हसुवा लिय आ कटनी करु, कथिलेकी कटनिके समय एलछै आ पिरथिबीमे बालियोसब पाइक गेलछै।”
तकरबाद दोसर स्वरगदुत आइबके अनङ कहल्कै, “ओकर सब नास भेलै! महान सहर बेबिलोन नास भेलै। कथिलेत उ सहर आपन बेबिचारके मधसे जाती जातीके लोकसबके पियैले लगेल्कै।”
तब हम अजेगरके मुहसे, जानबरके मुहसे आ झुठा अगमबक्ताके मुहसे बेङ जखा तिनटा असुध आत्मासबके निकलैत देखलियै।
तब उ सहर टुकरा-टुकरा भ्याके तिन भाग भेलै आ सब देसके सहरसब नास भेलै। परमेस्वरके महान बेबिलोनके याद एलै आ आपन करोधसे भरल मध बाटीसे ओकरा पियैले देल्कै।
तु जे बेबिचारी जनिके देखलिही उ महानगरी चियै आ सन्सारके सब रजासब उपर राज करैछै।”
ओकर कपारमे एक रहसमय नाम लिखल छेलै, “महान बेबिलोन, सन्सारके बेबिचारनी आ अधलाह काम करैबलासबके महताइर चियै।”
ओकर दन्डके यातनाके डरसे उसब दुरेसे ठार भ्याके एहेन कहतै, “धिक्कार! धिक्कार! हे महानगरी, सक्तिसाली बेबिलोन! एके छनमे तोरा दन्ड देल्कौ।”
तकरबाद एकटा सक्तिसाली स्वरगदुत बरका जाँत जखा पथल उठाके एहेन कहैत समुन्दरमे फेकल्कै, “अहिनङके महानगरी बेबिलोन जोरसे फेकल जेतै आ उ फेरसे कहियो नै भेटतै।
तब हम एकटा बलबान स्वरगदुतके देखलियै, जे बरका अबाजमे अनङ कैहके पुछल्कै, “अकर लाहट तोइरके अकर मुठा खोलैले के योग्यके छै?”