17 सातम स्वरगदुत आपन बाटी हबामे झाइक देल्कै। तब परमेस्वरके सिंहासनसे एकटा एहैन अबाज एलै, “आब समाप्त भेलै।”
तब येसु उ पिके कहल्कै, “आब पुरा भेलै।” तकरबाद उ आपन मुरी तर कैरके परान तियाइग देल्कै।
ओइ बखत तुसब सन्सारके पापी लोकसब जखा चलैछेल्ही आ अकासके सक्तीके मालिक, सैतानके मानैछेल्ही। जे परमेस्वरके नै मानैबला लोकसबके अखुन आपन बसमे राखनेछै।
कथिलेत अपनासबके लराइ देह आ लहुके बिरोधमे नै महज सासकसबके बिरोध, सक्तिसबके बिरोध, अखुन्का अन्हार जुगके सन्सारिक सासकसब आ स्वरगके ठामसबमे भेल दुस्ट आत्माके सेनासबके बिरोधमे चियै।
सातम स्वरगदुत आपन तुरही फुकल्कै त स्वरगमे बरका अबाज एहेन कहल्कै, “पिरथिबीमे राज करैके अधिकार आबसे अपनासबके परभु आ ओकर खिरिस्टके चियै आ उ जुगो-जुगतक राज करतै।”
तखन स्वरगमे परमेस्वरके मन्दिर खुल्लै आ ओकर मन्दिर भितर ओकर करारके सन्दुक देखापरलै। तब अकासमे बिजली चमैक उठलै। डरलागैबला अबाज सुनाइ देल्कै आ मेघके गरजन सुनेलै, भुमकौन गेलै आ बरका बरका पथल परलै।
एकटा दोसर स्वरगदुत मन्दिरसे बाहर एलै आ बादल उपरमे बैठैबलाके बरका जोरसे कहल्कै, “अहाँके हसुवा लिय आ कटनी करु, कथिलेकी कटनिके समय एलछै आ पिरथिबीमे बालियोसब पाइक गेलछै।”
स्वरगमे भेल मन्दिरसे एकटा दोसर स्वरगदुत बाहर एलै। ओकर हाथमे सेहो एकटा चोख हसुवा छेलै।
तब हम मन्दिरसे सात स्वरगदुतके जोरसे एहैन कहैत सुनलियै, “तुसब जो आ परमेस्वरके करोधके सात बाटी पिरथिबीमे झाइक दहै।”
उ हमरा कहल्कै, “आब सबकाम पुरा भ्यागेलै! अल्फा आ ओमेगा, सुरु आ अन्त हम्ही चियै। जकरा-जकरा पियास लागल छै, हम ओइसबके मङनिएमे जिबनके पानीके भबसे पियैले देबै।