11 तब उसबके घाँह-घौसके दुखसे स्वरगमे रहैबला परमेस्वरके सरापल्कै महज आपन करल पापसे पस्चताप करैले नै मानल्कै।
महज दुस्ट आ ढोङी लोकसब दोसरके धोखा दैछै आ उ आपनो धोखा खाइत बिगरैते जाइछै।
तखुन्ते एकटा बरका भुमकौन गेलै आ सहरके दस भाग खैसपरलै। उ भुमकौनसे सात हजार लोक मरलै। बाकी बचलहासब डरसे स्वरगके परमेस्वरके महिमा करल्कै।
तकरबाद पहिल्का स्वरगदुत आपन बाटी पिरथिबीमे झाइक देल्कै। तैखातिर उ जानबरके छाप लागल आ मुरतिके पुजा करैबला लोकसबके देहमे घिनलागैबला आ एकदम दुखाइबला घाँह-घौससब निकल्लै।
अकाससे चालिस-चालिस किलोके पथल लोकसब उपर बरसैले लाग्लै आ लोकसब पथलके बिपतीके कारन परमेस्वरके सरापे लाग्लै कथिलेत उ बिपत एकदम भयानक छेलै।
लोकसब सुरुजके टहटह रौदसे डहलै आ यि दुख-कस्टसे उसब परमेस्वरके नामके धिक्कारल्कै महज उसब आपन पापसे पस्चताप करैले आ ओकरा महिमा दैले इन्कार करल्कै।
हम ओकरा पस्चाताप करैले समय देलियै महज उ आपन बेबिचारसे पस्चाताप करैले इन्कार करल्कै।