9 तकरबाद तेसर स्वरगदुत बरका अबाजमे अनङ कहैत ओइसबके पछा लाग्लै, “यदि कोनो लोक ओइ जानबर आ ओइ मुरतिके पुजतै आ कपारमे या हाथमे ओइके चेन्हा लगाइतै त,
जे लोकसब जानबर या ओकर मुरतिके पुजा करतै या ओकर नामके चेन्हा लगाइतै, तकरासबके दुख दैबला आइगके धुवाँ जुगो-जुग तक उपर उठैत रहतै आ ओकरा रात दिन कहियो नै चैन भेटतै।”
तकरबाद पहिल्का स्वरगदुत आपन बाटी पिरथिबीमे झाइक देल्कै। तैखातिर उ जानबरके छाप लागल आ मुरतिके पुजा करैबला लोकसबके देहमे घिनलागैबला आ एकदम दुखाइबला घाँह-घौससब निकल्लै।
“हमसब आपन परमेस्वरके सेबकसबके कपारमे छाप नै लगाबैतक पिरथिबी या समुन्दर या गाछ-बिरिछके बिगार नै कर।”