7 उ बरका अबाजमे कहल्कै, “परमेस्वरके डर मान आ ओकर महिमा कर, कथिलेत ओकर नियाय करैबला समय आइबगेल छै। स्वरग, पिरथिबी, समुन्दर आ पानीके भवसब बनाबैबला परमेस्वरके आराधना कर।”
“अहैलेल जागल रह, कथिलेकी मानबके बेटा कोन दिन आ कोन घरी एतौ तोरासबके थाह नै हेतौ।”
कि यि सामरीके अलाबा परमेस्वरके धन्यबाद चरहाइले घुइमके कोइ नै एलै?”
“यौ साथीसब, अहाँसब कथिले एहेन काम करैचियै? हम्हुसब त अहैसब जखा दुख-सुख भोगैबला लोकसब चियै आ अहाँसब यि मुरुतके पुजा-पाठ करैले छोइरके जिबित परमेस्वर जे अकास, पिरथिबी, समुन्दर आ ओइमे जे कुछो छै, ओइसबके बनाइनेछै तैमे बिस्बास करु कैहके सुसमाचार सुनाबैले एलचियै।
सब चिजके अन्त हैके समय चैल एलछै। ओहैसे तुसब आपन मनके सुध आ आपनेके बसमे राख ताकी तुसब असलसे परथना करे सक।
तखुन्ते एकटा बरका भुमकौन गेलै आ सहरके दस भाग खैसपरलै। उ भुमकौनसे सात हजार लोक मरलै। बाकी बचलहासब डरसे स्वरगके परमेस्वरके महिमा करल्कै।
जाती जातीके लोकसब करोधसे भरलछै, महज आब अहाँके आपन करोध देखाबैबला समय एलछै, मरलहासबके नियाय करैबला समय एलछै आ अहाँके सेबकसब, अगमबक्तासब आ पबितर जनसब आ अहाँके डर मानैबला छोट-बरका सबके इनाम दैबला समय आ पिरथिबीके बिनास करैबलासबके नास करैके समय एलछै।”
हे परभु, अहाँके डर के नै मानैछै? आ अहाँके नामके महिमा के नै करैछै? कथिलेकी अहाँ मातरे पबितर चियै। सब जातीके लोकसब आइबके अहाँके अगा आराधना करतै, कथिलेत अहाँके धारमिक कामसब परकट भेलछै।”
लोकसब सुरुजके टहटह रौदसे डहलै आ यि दुख-कस्टसे उसब परमेस्वरके नामके धिक्कारल्कै महज उसब आपन पापसे पस्चताप करैले आ ओकरा महिमा दैले इन्कार करल्कै।
ओकर दन्डके यातनाके डरसे उसब दुरेसे ठार भ्याके एहेन कहतै, “धिक्कार! धिक्कार! हे महानगरी, सक्तिसाली बेबिलोन! एके छनमे तोरा दन्ड देल्कौ।”
एके घरिमे ओकर सब धन-सम्पैत सखाप भ्यागेलै।” जहादके कप्तानसब, यातरीसब, जहाद चलाइबलासब आ समुन्दरमे काम कैरके आपन गुजारा करैबलासब दुरे ठार भेलै।
तब उसब आपन-आपन मुरीमे गरदा राख्तै आ कानैत कहतै, “धिक्कार, धिक्कार, उ महानगरीके धन-सम्पतीसे पानी जहादके मालिकसब धनिक भेल छेलै। एके छनमे उ सहर नास भेलै।”
तब सिंहासनसे बरका जोरसे एहेन कैहरहल एकटा अबाज एलै, “हे परमेस्वरके सेबकसब, ओकर डर मानैबलासब, छोट आ बरका, सबकोइ परमेस्वरके परसन्सा कर।”
“हे हमर परभु परमेस्वर, अहाँ सम्मान, आदरके योग्य चियै, कथिलेत अहि सब चिजके सिरिस्टी करनेचियै आ अहाँ आपने इक्छा बमोजिम सिरिस्टी करलियै आ उ असतित्वमे एलै।”
सबदिन जिबित आ सिंहासनमे बिराजमान रहैबलाके उ चारटा जिबित परानी महिमा, आदर आ धन्यबादके गित गाबैतरहैछेलै।
तकरबाद तेसर स्वरगदुत आपन तुरही फुकल्कै त अकाससे बिसाल तरा मसाल जखा बरैत खस्लै। उ तरा लदिसबके एक तिहाइमे आ पानीके भबसबमे खस्लै।