2 ओकर देह भारी छेलै तब ओकरा बच्चा जल्मैबला समय भेल छेलै आ उ जलमासोचके पिरासे चिचयाबैतरहै।
यीसब त कस्टके सुरुवात मातरे चियै।
जब एकटा जनी बच्चाके जलम दैतखिना दरदसे छटपटाइत रहैछै, कथिलेत ओकर समय आइबगेल रहैछै महज बच्चाके जलम दैत मातर ओकरा ओइ दरदके याद नै आबैछै कथिलेत सन्सारमे एकटा बच्चाके जलम भेलै, तै बातमे उ खुसी हैछै।
हमर धियापुतासब, तोरासबमे जाबे तलिक खिरिस्टके स्वभाब नै बन्तौ ताबे तलिक हम फेनो जलमासोचके पिरा जखा दुख सहैत रहबौ।
पबितर धरमसास्तरमे एहेन लिखल छै, “हे बेटा-बेटी नै जलमाइबाली बाइझ खुसी मना, बचा जलमैत खिनाके दुख नै भोगलहासब, मन खोइलके गित गाब, कथिलेत घरबला हैबलासे नै हैबलाके बहौत धियापुता हेतौ।”
ओकर नङरिसे स्वरगके एक तिहाइ तरासबके बरहाइरके पिरथिबीमे फेक देल्कै। तब जलमेलागल बच्चा जलमैत मातर खाइके लेल जलम दैबाली जनीके अगा उ अजेगर ठारभेल छेलै।