4 जब सात चोटीके मेघ गरजलै त हम लिखैले लागल छेलियै, महज स्वरगसे एहेन आबाज हम सुनलियै, “सात बेर मेघ गरजलके आबाज नै लिख, महज यि बात मनेमे घोसारके राख।”
“तु जे देखैचिही, से एकटा किताबमे लिख आ सातो मन्डलीके अरथात एफिसस, इस्मुरना, परगामम, थिआटिरा, सारडिस, फिलाडेल्फिया आ लाउडिकियाके पठा।”
अहै खातिर तु जे देखैचिही से लिख। अखन आ पाछु आबैबला सब घटना लिख।
तब स्वरगसे सुनल अबाज हमरा फेनसे अनङ कहल्कै, “जो! समुन्दर आ जमिनमे ठारभेल स्वरगदुतके हाथसे खोलल कागतके मुठा ले।”
तब उ हमरा एहैन कहल्कै, “यि किताबके अगमबानीसब घोसाइरके नै राख, कथिलेत यि सब पुरा हैबला समय नजदिक चैलएल छै।