3 उ जोरसे सिंहके गरजन जखा बरका अबाजमे चिचएलै आ चिचयाइते मातर सात चोटी मेघ गरजलै।
हम स्वरगसे बरका पानीके अबाज आ मेघके बरका गरजैके अबाज जखा सुनलियै। उ बिना बज्यारहल बहुत बिना एकसाथ बजाइबलासबके अबाज जखा छेलै।
अकासमे हम फेनसे एकटा औरो महान आ अदभुतके चेन्हा देखलियै। सातटा स्वरगदुतसब एक एकटा बिपत बोक्ने छेलै। उ त परमेस्वरके करोधके सातटा आखिरी बिपत चियै।
तब उ चार जिबित परानीसबमेसे एकटा परानी सातटा सोनाके बाटी सातटा स्वरगदुतसबके देल्कै। उ सातटा बाटी सबदिन जिबित रहैबला परमेस्वरके करोधसे भरल छेलै।
सिंहासनसे बिजुलीसब चम्कैछेलै आ मेघके गर-गर आबाज आबैछेलै। सिंहासनके अगा आइगके सातटा दियासब बरैत रहलै। उ परमेस्वरके सात आत्मासब चियै।
तकरबाद उ स्वरगदुत धुपदानी लेके ओइमे बेदीके आइग भरल्कै आ पिरथिबीमे फेकल्कै त मेघ गरजनके आबाज एलै, बिजली चमैक उठलै आ भुमकौन गेलै।