11 तब हमरा अनङ हुकुम भेलै, “तोरा बहुत लोकसबके, बहुत जातीसबके, बहुत भसा आ बहुत रजासबके बारेमे अगमबानी फेनसे सुनाइले परतौ।”
हम उ स्वरगदुतके हाथसे कागतके मुठा ल्याके खेलियै। हमर मुहमे मौध जखा मिठ लागल, महज जब हम खेलियै त पेटमे जाके खट्टा भेलै।
तकरबाद हमरा नापैबला लगी देल्कै आ कहल्कै, “उठ, परमेस्वरके मन्दिर आ बेदीके नाप ले आ ओते आराधना करैबलासबके गन्ती कर।
सारहे तिन दिनतक हरेक देस, कुल, भसा आ जातीके लोकसब ओकरासबके लहास देखतै महज ओकरासबके लहासके गारैले नै देतै।
तब हम बिच अकासमे उरैत दोसर स्वरगदुतके देखलियै। पिरथिबीमे रहैबला हरेक जाती, कुल, भसा आ देसके लोकसबके सुनाबैले ओकरसङे अनन्त सुसमाचार छेलै।
उसब सातटा रजा सेहो चियै, ओइमेसे पाँच गोरे नास भ्यागेलछै। एक गोरे छेबेकरै आ एक गोरे आबैले बाकी छै। उ आइबके कुछ समयके लेल मातरे राज करतै।
तु जे दस सिङ देखलिही, से दस रजासब चियै, उसब अखुनतक राज नै करने छै। महज उसब कुछ समयके लेल उ जानबर सङे राज करैके अधिकार पाबतै।
तब स्वरगदुत हमरा कहल्कै, “तु जे बेबिचारनी जनीके समुन्दरके पानी उपर बैठल देख्ने छेल्ही, उ त देससब, भिरसब, जातीसब आ भसासब चियै।
उसब अनङ कहैत एकटा लया गित गाबल्कै, “यि कागतके मुठा लैले आ अकर लाहटके तोरेके योग्य अहाँ मातरे चियै, अहाँ मारल गेलियै आ आपन लहुसे अहाँ परमेस्वरके लेल सब कुल, भसा, जाती आ देसके लोकसबके छुटकरा देलियै।