महज उसब अपनासबसे नै खिस्याबे कैहके, तालमे जो आ बन्सी फेक। तब पहिन्का परल माछके मुहमे एकटा चानीके डलर पेब्ही। उ डलर ल्याके अपना दुनु गोरेके बटी ओइसबके तिरदहै।”
जब नोकर घुइमके एलै तब सब बातसब मालिकके सुनेल्कै। मालिक खिस्याके आपन नोकरके कहल्कै, ‘सहरके रस्ता-पेरा आ गल्लीसबमे जो आ गरिबसब, अन्हरासब आ लुल्हा-नेङरसबके बोल्याके आन।’
यि अनुगरहसे अपनासबके परमेस्वरके आदर नै हैबला काम आ सन्सारके लोभ-लालच त्यागैले लगाइछै आ धिरजसे अपने आपके बसमे राखैले, निरदोस हैले आ परमेस्वरके आदर हैबला जिबन जियैले सिखाइछै।