26 तब भुत आत्मा ओकरा थरथराबैत ओकर देसके हिलाइत ओकरासे निकैलके गेलै आ उ मरल लहास जखा भ्यागेलै, यि देखके बहुत लोक उ मर गेलै कि कथी कैहके कहेलाग्लै।
ओहै इलाकाके एकटा कनानी जनी आइबके चिच्याइत कहेलाग्लै, “हे परभु, दाउद राजके बेटा, हमर उपर दया करु। हमर बेटीके भुत एकदम सत्यारहल छै।”
तखुन्ते ओइ लोकके भुत उठासुठाके पटैकके आ जोरसे हल्ला करैत बाहर निकैलके गेलै।
जब भुत आत्मा अकरा लागैछै तब ओकरा जमिनमे खस्या दैछै, मुहसे लेरपोंटा चुवाबैछै आ दात किटकिटाइछै आ देह ठिठैङ जाइछै। ओइ भुत आत्माके निकाइल दिय कैहके हम अहाँके चेलासबके बिन्ती करलियै महज उसब नै सकलक।”
उसब ओकरा येसु लग आनल्कै। भुत आत्माके देख्ते मातर थरथराके भुइयामे खैसपरलै आ मुहसे लेरपोंटा चुबाइत छरपटाइले लाग्लै।
जब भिरके येसु आपन दिसन आबैत देखल्कै तब ओइ भुत आत्माके कहल्कै, “ए बौक आ बैहर करैबला आत्मा, हम तोरा आग्या करैचियौ ओकरसे निकैलके चैल जो आ फेनो ओकरमे कहियो नै ढुक।”
महज येसु ओकर हाथ पकैरके उठेल्कै तब उ खुरखुर्याके उठलै।
तै खातिर स्वरग आ ओते रहैबलासब आनन्द मना! महज पिरथिबी आ समुन्दरमे कतहेक दुख हेतौ! कथिलेत तोरासबके बिचमे सैतान करोधके साथ उतैरके एलछौ, आ ओकर समय ओराइले लागलछै से ओकरा मालुम छै।”