57 तब कुछ लोकसब उइठके ओकर बिरोधमे झुठा गबाही दैत कहल्कै,
आ कहल्कै, “आरौ बा! तु मन्दिरके तोरैबला आ तिने दिनमे ओइके बनाइबला, आब कुरूससे निचा उतैरके या त आ आपने आपके बचा त।”
बहुतो लोकसब ओकर बिरोधमे झुठा गबाहीसब देल्कै। महज उसबके देल कोनो गबाही नै मिल्लै।
“हमसब सुनलियै कि, ‘लोकके हाथसे बन्याल यि मन्दिरके तोइर देबौ आ तिन दिनमे लोकके हाथसे नै बनल दोसर मन्दिर निरमान करबौ।’”
ओइ रस्तामे जाइबला आपन मुरी हिला-हिलाके ओकर गिल्ला करैत कहल्कै, “आरौ बा! तु मन्दिरके तोरैबला आ तिने दिनमे बनाइबला,