जे लोक एकटा दिनके बिसेस रुपसे मानैछै, उ लोक परभुके आदरके लेल पालन करैछै। तहिनङे जे लोक मासु लगाएत सब चिज खाइछै उ लोक परमेस्वरके आदरके लेल खाइछै आ परमेस्वरके धन्यबाद दैछै। जे लोक सागपात मातरे खाइछै उ लोक परमेस्वरके आदरके लेल खाइछै आ उहो परमेस्वरके धन्यबाद दैछै।
जब हमसब परभु-भोजके बाटी ल्याके परमेस्वरके धन्यबाद दैचियै, कि उ बाटीसे पियैचियै त हमसब खिरिस्टके लहुमे सहभागी नै भेलियै से? आ उ रोटी, जकरा हमसब तोइरके खेलियै, कि खिरिस्टके देहमे सहभागी नै भेलियै से?