40 उसब बिधुवासबके घर हरैप लैछै आ देखाबटी बरका-बरका परथना करैछै। साच्चे एहेन लोकसब बेसीसे कठोर सजाय पाबतै।”
“तोहे धरमगुरुसबके आ फरिसीसबके धिक्कार! तुसब कपटी चिही! कथिलेत तुसब स्वरगके राजके केबार खोलैबला कुजी त लेल्ही, महज नै अपने ढुकलिही नै दोसरके ढुकैले देल्ही।
[“तोहे धरमगुरुसबके आ फरिसीसबके धिक्कार! तुसब कपटी चिही! तुसब बिधुवासबके घर हरैप लैचिही आ देखाबैले बरिखानतक परथना करैचिही। साँचे तुसब त औरोसबसे बेसी कठोर सजाय पाबबिही।]
“ए साँपसब, बिखधर साँपके बच्चासब! तुसब कनङके नरकके दन्डसे भागबिही?
“परथना करैतखिना तुसब गैर-यहुदीसब जखा बेकारमे बर-बराइत नै रह। कथिलेत बहौत बात बजलासे ओकर परथनाके सुनबाइ हैछै से बातके उसब बिचार करैछै।
या सभाघरसबमे आ भोज-भतेरमे आदरके ठामसबमे बैठैले ताकैछै।
उसब बिधुवासबके घर हरैप लैछै आ देखाबटी बरका-बरका परथना करैछै। साँचे उसब त बेसीसे कठोर सजाय पाबतै।”
कथिलेकी कोइ तोरासबके दास बनाइछौ, तोरासबके सोसन करैछौ, तोरासबसे फाइदा उठाइछौ, तोरासबके अगा धाख लगाइछौ आ तोरासबके गालमे थपराइछौ तैयो तुसब सब सहैचिही।
कथिलेत तोरासबमेसे कोइ-कोइ घर-घरमे ढुइकके पापे-पापसे दाबल आ अधलाह इक्छासबसे भरल मुरुख जनिजाइतसबके आपन बसमे राखैछै।