36 जबकि दाउद आपने पबितर आत्मासे कहनेछै, ‘परमपरभु हमर परभुके कहल्कै, तु हमर दहिना हाथ कता बैठ, जाबेतक हम तोहर दुस्मनसबके तोहर टाङके खराम नै बनाइबौ।’
नै त पिरथिबीके नाम ल्याके, कथिलेत उ ओकर टाङ राखैबला पिरहिया चियै, नै त यरुसलेमके नामे ल्याके, कथिलेत उ महान रजाके सहर चियै।
“हौ, भैयारीसब, धरमसास्तरके बचन पुरा हैकेचाही, जे बचन येसुके पकराबैके लेल लोकसबके अगुवाइ करैबला यहुदाके बिसयमे दाउदके मुहसे पैहनैये पबितर आत्मासे बाजल छेलै।
उसब एकदोसरमे बताबती करे लाग्लै आ ओतेसे बिदा हैबखत पावल ओइसबके अहिना कहल्कै, “पबितर आत्मा तोरासबके पुरखासबके कहल बात साँचे छै कथिलेत यसैया अगमबक्तासे उ एहेन कहल्कै-
कथिलेत खिरिस्ट आपन सब दुस्मनसबके आपन टाङके तरमे नै राखैतलिक ओकरा राज करैये परतै।
धरमसास्तरमे लिखल सब बचन परमेस्वरके परेरनासे एलछै। यि सिखाइले, अरती दैले, सुधारैके लेल आ धरमी जिबन जियैले बहौत काम लागतौ।
महज परमेस्वर यि बात कोनो स्वरगदुतके कहियो अनङ नै कहल्कै, “तु हमर दहिनाकात बैठ जाबे तलिक तोहर सतरुसबके तोहर टाङके निचा नै करबौ।”
अहैलेल परमेस्वर ओकर बिसराम दैबला ठाममे जाइके लेल तोकल बिसेस दिनके “आइ” कहल्कै। उ पहिने बोलल बात बहुत सयमके बाद रजा दाउदके बोलैले लगाइल्कै, “यदि तुसब आइ परमेस्वरके अबाज सुनबिही त, तुसब आपन हिरदय कठोर नै बना।”
ओकरासबके भितरमे रहल खिरिस्टके आत्मा खिरिस्टके दुख भोगेपरतै आ पछा आबैबला महिमाके बारेमे पहिनेसे भबिसबानी करने रहै। तब उ समय कहिया आ कनङके एतै कैहके उसब खोज-तलास करने छेलै।
कथिलेत अगमबक्तासब आपन मनसे अगमबानी नै करल्कै, महज पबितर आत्माके परेरनासे उसब परमेस्वरके तरफसे बोल्नेछेलै।