25 धनिक लोक परमेस्वरके राजमे आबैसे त बरु उंट टिपनीके नाथिमे ढुकैले असान हैछै!”
हे आन्हर अगुवासब! तुसब त मछरके त छाइनलैचिही, महज उंटके सौसे घोइटलैचिही।
उसब औरो आस्चरजमे परके येसुके कहल्कै, “तब के उदार पाबतै त?”
साच्चोके धनिक लोक परमेस्वरके राजमे आबैसे त बरु उंटके टिपनीके नाथिमे ढुकैले असान हैछै!”