अहैलेल हे हमर पिरिय सङीसब, परमेस्वर अपनासबके देल यि परतिग्या अनुसार देह आ आत्माके असुध बनाबैबला हर किसिमके बातसे अपनासब दुरे रह आ परमेस्वरके डर मानैत औरो पबितर हैत चल।
महज स्वरगसे आबैबला बुइध त सबसे पहिने असल हैछै, तकरबाद उ सान्ती दैबला, नम्र, बिचारसिल आ दयासे भरल रहैछै आ असल कामसे परकट हैछै। अइमे पक्छपात करैबला बात आ छलकपट करैबला बात नै रहैछै।