24 तोहर भेटी पैहने बेदीके कातमे राख आ जो। आपन भाइ-बहिनसे मेल कर आ तकरबाद आइबके भेटी चरहा।
“महज तु धरमगुरुसब आ फरिसीसबके धिक्कार! तुसब कपटी चिही! कथिलेत तुसब पुदिना, सोप आ जिराके दसांस त चरहाइचिही, महज बेबस्थामे रहल गहनगर बातसब नियाय, दया आ बिस्बास योग्य जखा बहौत असल बातसबके कुछो मतलब नै राखैचिही। महज करैके एहो छेलौ कि तुसब बेबस्थामे रहल बातसबके माने परतियौ।
“तै खातिर यदी बेदीमे तोहे आपन भेटी चरहाइत खिना भाइ-बहिनके बिरोधमे तोहर हिरदयमे कुछो छौ से याद भेलौ त,
नोन असल चियै, महज ओकर सबाद उइरजेतै त ओकरा फेनो कनङके नोनगर बनाइतै? तु आपनमे नोनके सबाद जखा हो आ एक-दोसरसङे मिलापमे रह।”
तैखातिर हरेक लोक पहिने अपनाके ठिकसे जाँचे तकरबाद उ रोटी खेबे आ बाटीसे पिबे।
तैदुवारे हरेक ठाम जते आराधना हैछै, ओते पुरुखसब बिना रिस-खिस आ बाद-बिबाद आपन पबितर हाथ उठाके परथना करे कैहके हम चाहैचियै।
ओहैसे यदि निक हैले चाहैचियै त आपन करल पाप एक-दोसरके अगा सुइकार कर आ एक-दोसरके खातिर परथना कर। धरमी लोकके करल परथनासे परमेस्वर सक्तिसाली आ परभावकारी तबरसे काम करैछै।