6 मुख पुजारीसब चानीके डलर उठाके कहल्कै, “अकरा मन्दिरके खजानामे राखैले उचित नै हेतै, कथिलेत यि लोक मारैके लेल द्याल टका चियै।”
हे आन्हर अगुवासब! तुसब त मछरके त छाइनलैचिही, महज उंटके सौसे घोइटलैचिही।
अहै कारन उ चानीके सब डलर मन्दिरमे फेकके चैलगेलै आ आपनेसे फासी लटैकके मैर गेलै।
उसब सल्लाह कैरके ओइ टकासे बिदेसीसबके लहास गारैले कुम्हारसे एकटा खेत किनल्कै।
महज तुसब कहैचिही कि, यदी कोनो लोक आपन बाबु-माँ के कहैछै ‘जे कुछ हमरसे मदत अहाँसबके मिलत उ हमर त्याग चियौ’ (अरथात परमेस्वरके चरह्याल)
तकरबाद उसब येसुके कैयाफाके घरसे रोमी सासकके दरबारमे ल्यागेलै। ओइ बखत अनगुत भेल छेलै। असुध नै हेबे महज निस्तार पाबैनके भोज खाइले सकि कैहके उसब दरबार भितर नै गेलै।