तब उ सेनापती तुरन्ते आपन कुछ सिपाही आ कप्तानसबके आपन सङमे लेल्कै आ दौरते लोकसबके भिर दिसन गेलै। लोकसब जब सेनापती आ ओकर सैनिक आ कप्तानसबके देखल्कै तब देखैत मातर पावलके मारपिट करैले छोइरदेल्कै।
तकरबाद सेनापती दुइटा कप्तानके बोल्याके कहल्कै, “आइ रातके न बजे दुइ सय सैनिकसब, सतरी गोरे घोडसबारसब आ दुइ सय भलाधारी सैनिकसबके कैसरिया जाइले तयार कैरके राख।