54 महज यदी हम माङतियै त धरमसास्तरमे यीसब हेतै कैहके लिखल बात कनङ पुरा हेतै?
तब येसु उसबके कहल्कै, “कि तुसब पबितर धरमसास्तर नै पढनेचिही? ‘जै पथलके घर बनाइबला मिसतिरीसब छाइट देल्कै, सेह्या जगके मुल खम्हा बन्लै, यि काम परमेस्वर करने छै आ अपनासबके नजरमे आस्चरजके बात छै।’
मानबके बेटाके समबन्धमे जे धरमसास्तरमे लिखल छै, तहिने ओकरा जाही परतै, महज धिक्कार छै ओइ लोकके जे मानबके बेटाके पकराइतै। उ लोक जलम नै लेने रहतियै त ओकरलेल असल हेतियै।
तब पबितर धरमसास्तर कहियो नै झुठ हैले सक्तै आ जे परमेस्वरके बचन पाबल्कै, ओकरासबके उ इस्वरसब कहल्कै।
“हौ, भैयारीसब, धरमसास्तरके बचन पुरा हैकेचाही, जे बचन येसुके पकराबैके लेल लोकसबके अगुवाइ करैबला यहुदाके बिसयमे दाउदके मुहसे पैहनैये पबितर आत्मासे बाजल छेलै।