7 कथिलेत जातीके बिरोधमे जाती आ राजके बिरोधमे राज उठतै आ बहुतो ठामसबमे अकाल आ भुमकौन एतै।
बरका-बरका भुमकौन हेतौ। जतेततै भुखमरी आ महामारी फैल्तौ, आतङक मचतौ, तब अकाससे बरका-बरका चेन्हासब हेतौ।
उसबमेसे अगाबस नाम भेल एकटा लोक खरा भ्याके पबितर आत्माके अगुवाइमे भबिसबानी करैत बाज्लै, “सरा सन्सारमे रौदी हेतौ।” (उ रौदी क्लौडियसके पालीमे भेलै।)
उपर अकासमे हम अच्चमके काम आ निचा पिरथिबीमे लहु, आइग आ धुवाँके रेतके चेन्हासब देखेबौ।
“औरो एकबेर” कहल बात यि देखाबैछै कि हिलाबैले सकैबला अरथात सिरिस्टी करल चिजसब हटाइतै, महज हिलाबैले नै सकैबला चिजसब अस्थिर रहतै।
जब थुमा छठमा लाहटके तोरल्कै, तब हम बरका भुमकौन गेल देखलियै। सुरुज अन्हार रात जखा करिया भेलै आ चान लहु जखा पुरे लाल भेलै।
जब थुमा तेसर लाहटके तोरल्कै त हम तेसर जिबित परानीके “अते या” कहैत सुनलियै। हम एकटा करिया घोरा देखलियै। ओइ उपरमे सबार भेल लोकके हाथमे एकटा तराजु छेलै।
उ चार जिबित परानीसबके बिचसे एकटा एहैन आबाज सुनलियै, “एक दिनके बोन एक किलो गहुम आ एक दिनके बोन तिन किलो जौ हैछै, महज जैतुनके तेल आ अङगुरके मधके नोकसानी नै करिहे।”
हम पियर रङके घोरा देखलियै जैमे सबार हैबलाके नाम “मिरतु” छेलै आ पताल ओकर पछा-पछा छेलै। ओकरा तलबार, अकाल, महामारी आ पिरथिबीके जङलिया जानबरके दुवारा पिरथिबी एक चौथाइके नास करैके अधिकार परमेस्वर देल्कै।