18 “रामामे एकटा अबाज सुनल्कै, कना-रोहट आ बरका बिलाप, राहेल आपन बचासबके खातिर काइनरहल छेलै। ओकरा कोइ नै चुप कराइले सक्लै, कथिलेत ओकर एकोटा बचा जिबित नै रहलै।”
अहिनङे परमेस्वरके अगमबक्ता यरमियाके कहल बात पुरा भेलै,
ओइठाम भिर भेल्हा सब लोकसब कानैखिजै छेलै। येसु ओकरासबके कहल्कै, “नै कानै, उ नै मरल छौ, महज सुतल छौ।”
हम देखलियै, अकास उपरमे एकटा गरुर जोरसे अनङ कहैत सुनलियै, “पिरथिबीमे रहैबलासबके धिक्कार! धिक्कार! धिक्कार! कथिलेकी औरो बाकी रहल तिन स्वरगदुतसब तुरही फुक्तै त पिरथिबीमे परैबला बिपत केहेन हेतै?”