महज उसब अपनासबसे नै खिस्याबे कैहके, तालमे जो आ बन्सी फेक। तब पहिन्का परल माछके मुहमे एकटा चानीके डलर पेब्ही। उ डलर ल्याके अपना दुनु गोरेके बटी ओइसबके तिरदहै।”
महज स्वरगसे आबैबला बुइध त सबसे पहिने असल हैछै, तकरबाद उ सान्ती दैबला, नम्र, बिचारसिल आ दयासे भरल रहैछै आ असल कामसे परकट हैछै। अइमे पक्छपात करैबला बात आ छलकपट करैबला बात नै रहैछै।