54 उ आपन गाम नासरतमे आइबके ओतेका सभाघरमे लोकसबके सिक्छा देबे लाग्लै। लोकसब ओकर बात सुइनके आस्चरज मानल्कै आ कहल्कै, “अकरा एहेन बुइध आ अजगुतके काम करैबला सक्ती कतेसे एलै?
ओतेसे उ नासरत नामके सहरमे रहेलाग्लै। अहिनङे परमेस्वरके अगमबक्तासबके कहल बात पुरा भेलै: “उ नासरी कहेतै।”
येसु पुरे गालिल परदेसके सभाघरसबमे सिक्छा देबे लाग्लै, स्वरगके राजके सुसमाचार परचार करैत आ लोकसबमे लागल सब परकारके रोग-बिमारके निक करल्कै।
जब येसु चेलासबके यि बात कैहसक्लै तब भिरके सबलोक ओकर सिक्छा सुइनके छक परलै।
ओकर बिचार आ उतर दैत सुइनके ओइ ठामके सब लोकसब आस्चरजमे परलै।
उ आपने लोकसबलग एलै, महज ओकर आपने लोकसब ओकरा सुइकार नै करल्कै।
तब पावल आ बरनाबास साहस कैरके कहल्कै, “परमेस्वरके बचन सबसे पैहने तोरासबके सुनेनाइ जरुरी छेलै, महज तोरौरके सुनैले नै मानलिही। तोरौरके आपनके अनन्त जिबनके योगके नै मानैचिही। आब हमसब दोसर जातीके लोकसबके परमेस्वरके बचन सुनाबे जेबै।
जब उसब पतरुस आ युहन्नाके निडर भ्याके बाजैत देखल्कै आ यि बुझल्कै कि यीसब कम परहल-लिखल आ सधारन लोक चियै से देखके उसब छक परलै। तब उसब येसु सङे रहै से थाह पाबल्कै।