तै खातिर आपनौरके परभुके गबाही दैले लाज नै मान आ हम ओकरलेल जहलमे परलियै से बात सोइचके लाज नै मान। महज परमेस्वरके सक्तीमे सुसमाचार सुनाइबला कामके लेल दुख भोगैले तु हमरसङे सामेल हो।
जे सैतानके जित्तै, उ अनङ उजर बस्तर लगाइतै आ ओकर नाम हम जिबनके किताबसे कहियो नै मिटकाइबै। उ हमर लोक चियै कैहके आपन पिता आ ओकर स्वरगदुतसबके अगा हम सुइकार करबै।’