ओकर चेलासब पहिने यि बात नै बुझल्कै। महज येसु महिमीत भेलाके बाद ओकरासबके याद एलै कि यि बात ओकरे बारेमे लिखल छेलै आ उ लोकसब यि सबकाम ओकरे लेल करल्कै कैहके बुझल्कै।
तब भिरके लोकसब ओकरा पुछल्कै, “खिरिस्ट त सबदिन रहतै कैहके हमसब बेबस्थासे सिखने चियै। तब अहाँ कनङ कहैचियै कि मानबके बेटा उपर उठ्याल जेतै? यि मानबके बेटा के चियै?”