25 कथिलेत कोनो लोक सारा सन्सार हथियाके आपनेके नास करतै त ओकरा कथी फैदा हेतै?
जब जाल भरैछै तकरबाद जाल लगाइबलासब ओकरा ताइनके कातमे आनैछै आ बैठके असल माछसबके डेलीमे राखैछै आ नै निक माछसबके फेक दैछै।
आ आइगके धिधरामे झोइक देतौ। ओते उसब कान्तै-खिजतै आ दाँत किट-किटेतै।”
सारा सन्सार हथियाइयोके आपने आत्माके नास करतै त ओकरा कोन फाइदा हेतै? कि आत्मासे मुल्यबान कोनो चिज छै?
कथिलेत सरा सन्सार हथियाके आपनेके नास करतै त ओकरा कथी फैदा हेतै?
उ लोक अधरमके कमाइसे एकटा खेत किनल्कै। उ ओहै खेतमे मुहचुरिये खैसके मैरगेलै आ ओकर पेट फुइटके सब भोटी आंटी बाहर निकैल गेलै।
आ उ यि सेबाके काम आ परेरितके सेबाके काम कैर सके, जे सेबाके कामसे यहुदा भटैकके आपने ठाममे मरलै।”
हम आपन देहके बसमे राखैके लेल तालिम द्याके खेलारी जखा अनुसासनमे राखैचियै। नै त औरोके परचार करलाके बाद हम आपने अयोग्य ठहरबै।
तुसब जहलमे परलहा लोकसबके दया देखाइलिही, आपन सम्पती लुटलगेलै तैयो खुसिसाथ सहन करलिही, कथिलेकी तुसब जानैछेल्ही, कि औरो उतम आ सबदिन रहैबला सम्पती आपनेसङे छै।